सूरह और आयत किसे कहते है? कुरान मे कितनी सूरह है और कितनी आयतें है?
पवित्र कुरआन सम्पूर्ण जगत के स्वामी की आरे से सम्पूर्ण मानव जाति को प्रदान किया गया एक महान उपहार है। यह ईशवाणी है।
सूरह किसे कहते है- पवित्र कुरान, पूरे का पूरा, एक लगातार लेख की हैसियत नहीं रखता, बल्कि वह एक 114 हिस्सों में बँटा हुआ है जिनकी शक्ल एक पुस्तक के अध्यायों की सी समझिए।
कुरान के इन हिस्सों को ईश्वर ने ‘सूर’ (सूरत) कहा है। कुल मिलकर क़ुरान में 114 सूरा है।
आयत किसे कहते है– सूरा के खास खास टुकड़ो और वाक्यों को, जिनकी हदबंदी ईश्वर ही की ओर से हुई है, ‘आयत’ कहा गया है। कुल मिलकर क़ुरान में 6236 आयते है।
‘आयत’ का शाब्दिक अर्थ निशानी और चिन्ह होता है। वह प्रकट वस्तु जो किसी छुपी हुई सच्चाई की और रहनुमाई कर रही हो, अरबी भाषा में ‘आयत’ कहलाती है।
आयत शब्द के इस मूल अर्थ को अगर सामने रख कर विचार किया जाए तो कुरान की आयतों को ‘आयत’ कहे जाने के कारण बहुत कुछ समझ में आ जाएंगे। जैसे –
2. कुरआन की आयतें खुद रहनुमाई हैं, क्योंकि इनसे ईश्वर के गुणों और उसके हुक्मों और हिदायतों का ज्ञान होता है, इसलिए इन्हें आयत कहा गया।
3. कुरआनी शिक्षाओं की बुनियाद, ‘ऑर्डर’ और ‘अकीदे’ को ज़बरदस्ती थोपने पर नहीं, बल्कि सोच-विचार और दलीलों पर कायम है। उसकी बातें तर्कपूर्ण वार्ता की हैसियत रखती हैं, मानो कुरआन सिर्फ हुक्मों व हिदायतों ही का नाम नहीं है, बल्कि सबूतों व दलीलों का भी नाम है। इसलिए उसके हिस्सों को आयत फरमाया गया, ताकि उसकी यह विशेषता आँखों से ओझल न होने पाए।
कुरआनी आयतें अपने अवतरित होने के समय की दृष्टि से दो प्रकार की हैं:- ‘मक्की’ और ‘मदनी’। मक्की वे आयतें कही जाती हैं जो हिजरत से पहले उतरी हैं, चाहे वे मक्के में उतरी हों या किसी और जगह। मदनी उन आयतों को कहा जाता है जो हिजरत के बाद उतरी हैं, चाहे वे मदीने में उतरी हो या मदीने से बाहर किसी दूसरी जगह।
No. | सूरह | आयत | कहाँ उतरी | पारा |
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1 | सूरह फ़ातिहा | 7 | मक्का | 1 |
2 | सूरह बकराह | 286 | मदीना | 1-3 |
3 | सूरह आले इमरान | 200 | मदीना | 3-4 |
4 | सूरह निसा | 176 | मदीना | 4-6 |
5 | सूरह मायदा | 120 | मदीना | 6-7 |
6 | सूरह अन्आम | 165 | मक्का | 7-8 |
7 | सूरह आराफ | 206 | मक्का | 8-9 |
8 | सूरह अनफाल | 75 | मदीना | 9-10 |
9 | सूरह तौबा | 129 | मदीना | 10-11 |
10 | सूरह युनुस | 109 | मक्का | 11 |
11 | सूरह हुद | 123 | मक्का | 11-12 |
12 | सूरह यूसुफ | 111 | मक्का | 12-13 |
13 | सूरह राअद | 43 | मदीना | 13 |
14 | सूरह इब्राहीम | 52 | मक्का | 13 |
15 | सूरह हिज्र | 99 | मक्का | 14 |
16 | सूरह नहल | 128 | मक्का | 14 |
17 | सूरह इस्राईल | 111 | मक्का | 15 |
18 | सूरह कहफ | 110 | मक्का | 15-16 |
19 | सूरह मरयम | 98 | मक्का | 16 |
20 | सूरह ताहा | 135 | मक्का | 16 |
21 | सूरह अंबिया | 112 | मक्का | 17 |
22 | सूरह हज | 78 | मदीना | 17 |
23 | सूरह मुअमीनून | 118 | मक्का | 18 |
24 | सूरह नूर | 64 | मदीना | 18 |
25 | सुरह फुरकान | 77 | मक्का | 18-19 |
26 | सूरह शुअरा | 227 | मक्का | 19 |
27 | सूरह नम्ल | 93 | मक्का | 19-20 |
28 | सूरह क़सस | 88 | मक्का | 20 |
29 | सूरह अन्कबूत | 69 | मक्का | 20-21 |
30 | सूरह रोम | 60 | मक्का | 21 |
31 | सूरह लुकमान | 34 | मक्का | 21 |
32 | सूरह सज्दा | 30 | मक्का | 21 |
33 | सूरह अहज़ाब | 73 | मदीना | 21-22 |
34 | सूरह सबा | 54 | मक्का | 22 |
35 | सूरह फ़ातिर | 45 | मक्का | 22 |
36 | सूरह या सीन | 83 | मक्का | 22-23 |
37 | सूरह साफ्फात | 182 | मक्का | 23 |
38 | सूरह स्वाद | 88 | मक्का | 23 |
39 | सूरह जुमर | 75 | मक्का | 23-24 |
40 | सूरह मोमीन | 85 | मक्का | 24 |
41 | सूरह हा मीम | 54 | मक्का | 24-25 |
42 | सूरह शूरा | 53 | मक्का | 25 |
43 | सूरह जुखरूफ | 89 | मक्का | 25 |
44 | सूरह दुखान | 59 | मक्का | 25 |
45 | सूरह जासिया | 37 | मक्का | 25 |
46 | सूरह अहकाफ | 35 | मक्का | 26 |
47 | सूरह मुहम्मद (सल्ल0) | 38 | मदीना | 26 |
48 | सूरह फतह | 29 | मदीना | 26 |
49 | सूरह हुजरात | 18 | मदीना | 26 |
50 | सूरह काफ़ (ق) | 45 | मक्का | 26 |
51 | सूरह जारियात | 60 | मक्का | 26-27 |
52 | सूरह तूर | 49 | मक्का | 27 |
53 | सूरह नज्म | 62 | मक्का | 27 |
54 | सूरह क़मर | 55 | मक्का | 27 |
55 | सूरह रहमान | 78 | मदीना | 27 |
56 | सूरह वाकिया | 96 | मक्का | 27 |
57 | सूरह हदीद | 29 | मदीना | 27 |
58 | सूरह मुजादला | 22 | मदीना | 28 |
59 | सूरह हश्र | 24 | मदीना | 28 |
60 | सूरह मुमताहिना | 13 | मदीना | 28 |
61 | सूरह सफ | 14 | मदीना | 28 |
62 | सूरह जुम्आ | 11 | मदीना | 28 |
63 | सूरह मुनाफिकून | 11 | मदीना | 28 |
64 | सूरह तगाबून | 18 | मदीना | 28 |
65 | सूरह तलाक | 12 | मदीना | 28 |
66 | सूरह तहरीम | 12 | मदीना | 28 |
67 | सूरह मुल्क | 30 | मक्का | 29 |
68 | सूरह कलम | 52 | मक्का | 29 |
69 | सूरह हाक्का | 52 | मक्का | 29 |
70 | सूरह मआरिज | 44 | मक्का | 29 |
71 | सूरह नुह | 28 | मक्का | 29 |
72 | सूरह जिन्न | 28 | मक्का | 29 |
73 | सूरह मुजम्मिल | 20 | मक्का | 29 |
74 | सूरह मुदस्सिर | 56 | मक्का | 29 |
75 | सूरह कियामाह | 40 | मक्का | 29 |
76 | सूरह दहर | 31 | मदीना | 29 |
77 | सूरह मुरसलात | 50 | मक्का | 29 |
78 | सूरह नबा | 40 | मक्का | 30 |
79 | सूरह नाज़िआत | 46 | मक्का | 30 |
80 | सूरह अबासा | 42 | मक्का | 30 |
81 | सूरह तकवीर | 29 | मक्का | 30 |
82 | सूरह इंफितार | 19 | मक्का | 30 |
83 | सूरह मुतफ्फिफीन | 36 | मक्का | 30 |
84 | सूरह इंशिकाक | 25 | मक्का | 30 |
85 | सूरह बुरूज | 22 | मक्का | 30 |
86 | सूरह तारिक | 17 | मक्का | 30 |
87 | सूरह आला | 19 | मक्का | 30 |
88 | सूरह गाशिया | 26 | मक्का | 30 |
89 | सूरह फज्र | 30 | मक्का | 30 |
90 | सूरह बलद | 20 | मक्का | 30 |
91 | सूरह शम्स | 15 | मक्का | 30 |
92 | सूरह लैल | 21 | मक्का | 30 |
93 | सूरह धुहा | 11 | मक्का | 30 |
94 | सूरह शरह | 8 | मक्का | 30 |
95 | सूरह तीन | 8 | मक्का | 30 |
96 | सूरह अलक | 19 | मक्का | 30 |
97 | सूरह कद्र | 5 | मक्का | 30 |
98 | सूरह बय्यनाह | 8 | मदीना | 30 |
99 | सूरह जिल्जाल | 8 | मदीना | 30 |
100 | सूरह अदियात | 11 | मक्का | 30 |
101 | सूरह कारिया | 11 | मक्का | 30 |
102 | सूरह तकासूर | 8 | मक्का | 30 |
103 | सूरह अस्र | 3 | मक्का | 30 |
104 | सूरह हुमाजा | 9 | मक्का | 30 |
105 | सूरह फील | 5 | मक्का | 30 |
106 | सूरह कुरैश | 4 | मक्का | 30 |
107 | सूरह माऊन | 7 | मक्का | 30 |
108 | सूरह कौसर | 3 | मक्का | 30 |
109 | सूरह काफिरून | 6 | मक्का | 30 |
110 | सूरह नस्र | 3 | मदीना | 30 |
111 | सूरह तब्बत | 5 | मक्का | 30 |
112 | सूरह इख्लास | 4 | मक्का | 30 |
113 | सूरह फलक | 5 | मक्का | 30 |
114 | सूरह नास | 6 | मक्का | 30 |