Ya Majidu (या माजिदु) - अल्लाह तआला के नाम की फ़ज़ीलत

AL-MAAJID (अल माजिद) बुज़ुर्गी और बड़ाई वाला

माजिद का मतलब बहुत ही इज़्ज़त व बुज़ुर्गी वाला है । सबसे ज्यादा बुजुर्गी और इज्जत वाला अल्लाह तअला ही है और तमाम इन्सानों को इज्जत और बुजुर्गी उसके नाम से जुड़े रहने की वजह से है ।

कुछ आलिमों का कहना है कि माजिद ‘मजद’ से बना है जिसका मतलब बुजुर्गी है । यह नाम असल में मजीद ही के हम मअनी है, लेकिन मजीद के लफ़्ज़ में उससे ज्यादा गुंजाइश है ।

बन्दे का इस नाम से यही हिस्सा है कि वह मखलूक से तमाम उम्मीदें छोड़ के खुदा से जोड़े इस तरह उसे बलन्द हिम्मत और इज्जत व बजुर्गी हासिल होगी |

Ya Majidu Parhne ka Faida

  • रौशन ज़मीर हासिल करना

यह वजीफा रौशन ज़मीर बनने के लिए भी बहुत फाइदेमन्द है । जो शख्स इसे ग्यारह हज़ार बार रोजाना 111 दिन तक पढ़ेगा उसका दिल अल्लाह के नूर (रौशनी ) से भर जाएगा और वह रौशन ज़मीर बन जाएगा ।

इस नाम के चिल्ले के दौरान सिगरेट, हुक्का पीना मना है और बदबुदार चीज़ों से परहेज़ जरूरी है । इसके बारे में यह भी बयान हुआ है कि अगर कोई शख्स रात के अन्धेरे में हर रोज़ ग्यारह हज़ार बार 41 दिन तक विर्द करे तो अल्लाह तअला उसे रौशन जमीर बना देता है और दीन की नेअमतों की उस पर बरसात कर देता है।

बताते हैं कि अगर कोई शख्स “या माजिदु” का इस तरह जिक्र करे कि उस पर बेहोशी छा जाए तो अल्लाह तअला उसके दिल के अन्दर अनवारे हक़ पैदा कर देता है ।

Ya Mujeebu (या मुजीबु) – अल्लाह तआला के नाम की फ़ज़ीलत

  • इल्‍मो इरफान का मिलना

अल्लाह तअला की पहचान हासिल करने के लिए इशा की नमाज के बाद 500 बार एक तरफ बैठकर ध्यान के साथ यह नामे मुबारक पढ़ें । अल्लाह तअला इल्‍मो इरफान की दौलत से माला माल कर देगा और अन्दरुनी रौशनी से उसका सीना रौशन कर देगा ।

  • नौकरी में बहाली के लिए

अगर कोई शख्स अपनी नौकरी से किसी गलती की वजह से हटा दिया गया हो या उसे बेकार में जबरदस्ती हटा दिया गया हो तो उसे चाहिए कि इस नाम को रोज़ाना चालीस दिन तक 3125 बार पढ़े और अल्लाह के सामने अपने गुनाहों की मुआफी मांगे ।

इनशा अल्लाह, अल्लाह तअला गलतियों को मुआफ करके नौकरी पर दोबारा बहाल कर देंगे । इसके अलावा अगर किसी शख्स को नौकरी छूट जाने का अन्देशा हो तो उसे चाहिए कि जुमे की नमाज़ के बाद कुछ आदमी इकट्ठे करे और इस नाम को सवा लाख बार पढ़ाए और उनमें शामिल होकर खुद भी पढ़े, इनशा अल्लाह नौकरी से बरतरफ न होगा और सात जुमे तक यह अमल करे।

  • ख़िलक़त में इज़्ज़त पाना

“अल-माजिद” बुजुर्ग और जलालत वाला नामे मुबारक है । इसका हमेशा विर्द करने वाला, लोगों में साहबे इज्जत और पुरवकार बन जाता है। इस लिए अगर कोई शख्स चाहे कि वह खिलकत में इज्जत पाए और मक़बूलियत हासिल करे तो उसे चाहिए कि वह अक्सर “या माजिदु ” का विर्द करता रहे ।

एक और कौल के मुताबिक कसरत से इस नामे मुबारक को पढ़ने से अल्लाह तअला इज्जतो मर्तबा देता है, बुज़ुर्गी और फज़ीलत से मुशरफ करता है चश्मे खलाइक में इज्जत वाला और मोहतरम बना देता है ।

  • साहिबे इक्तिदार का वजीफा

इस नाम का विर्द ऐसे हाकिम के लिए बहुत फाइदेमन्द है जो अपने इक्तिदार को देर तक कायम रखना चाहे, तो इस मकसद के लिए उसे चाहिए कि एक हजार बार रोजाना इशा की नमाज़ के बाद इसके विर्द का रूटीन बना ले ।

इनशा अल्लाह मातेहत लोग उसके सामने आवाज़ बलन्द न करेंगे और न उसके खिलाफ कोई बागियाना कदम उठाएंगे, बल्कि उसे हमेशा इज्जत और वकार की नजरों से देखेंगे ।

यहां तक कि “Ya Majidu” का जिक्र करने से अल्लाह तअला इस बन्दे को हमेशा खुश हाल, ग़नी और मुशरफ बना देता है।

  • ज़िल्लत और रुसावई से रिहाई

अगर कोई शख्स अपनी गलतियों और कोताहियों की वजह से जिल्लत में गिर गया हो या उसे यह यकीन हो कि वह ज़लील व रुसवा होगा जैसे पहले मालदार था, मगर बुरी हरकतों में दौलत बर्बाद करने से ग़रीब हो चुका हो और उसे लड़के या लड़की की शादी करनी हो, जिसमें उसकी इज्जत न रहने का अन्देशा हो तो इस सूरत में इस नाम को 21 दिन तक रोज़ाना सात हज़ार बार पढ़े ।

इनशा अल्लाह, अल्लाह उसके नाम का बेहतर जरीया बना देगा और जिल्लत से बच जाएगा । इसके बारे में यह भी कहा गया है कि अगर कोई नाहक तोहमत की बिना पर जिल्लत और रुसवाई के खतरे से दोचार हो तो वह हर नमाज़ के बाद कसरत से इस नामे मुबारक को पढ़े इनशा अल्लाह इस नामे मुबारक की बरकत से ऐसे जरीये पैदा हो जाएंगे कि ज़िल्लत व रुसवाई से महफूज़ हो जाएगा और उसकी बरियत साबित हो जाएगी फिर लोग उसे इज्जत की निगाह से देखेंगे और उसकी इज्जत करने में कोई कसर उठा न रखेंगे।

  • मरज़ की शिद्दत का कम होना

अगर कोई बीमार हो जाए और मरज का शदीद ग़लबा हो तो ऐसी सूरत में किसी मीठी चीज़ शर्बत, दूघ॑ या चाय पर 48 बार पढ़कर दम करे और बीमार को पिला दे अल्लाह तअला के फजलो करम से बीमारी में फाइदा होगा ।

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