Ya Jalilu (या जलीलु) - अल्लाह तआला के नाम की फ़ज़ीलत

AL-JALEEL (अल जलील) बुज़ुर्ग

अल्लाह तआला की ज़ात अपने ज़ाती कमालात की वजह से मुकम्मल व बे ऐब है । इसमें जमाल और जलाल दोनों खूबियां एक साथ मौजूद हैं । इसलिए उसे जलील कहा जाता है ।

अल्लाह अपनी इस सिफत जलाल से ही अपने बन्दों को सीधे रास्ते पर चलाता है और सिफत जमाल की बदौलत अपने बन्दों पर रहम व करम करता है ।

किसी बन्दे को उसके सामने दम मारने की हिस्मत नहीं । अगर कोई उसके सामने अकड़ने की कोशिश करता है तो वह उसकी पकड़ में आ जाता है । इसीलिए उसके जलाल और अजमत (बड़ाई) से डरना चाहिए।

इबादत में दिलचस्पी पैदा होना:

जो कोई यह चाहे कि उसे इबादत में दिलचस्पी और लगन के साथ यकसुई (एकांत, तनहाई) और सुकून व खुशी भी हासिल हो तो वह हर नमाज के बाद इस नियत से सात बार “या जलीलु” पढ़कर अपने ऊपर दम करे तो उसे इनशाअल्लाह दिली सुकून की दौलत हासिल होगी और साथ ही इबादत में दिलचस्पी बढेगी और लज्जत मिलेगी।

लोगों की तवज्जोह हासिल करने के लिए:

अल्लाह तआला का नाम ‘या जलीलु’ उसके बन्दों को अपनी तरफ मुतवज्जो करने के लिए बहुत ही खास और आज़माया हुआ है ।

इसलिए लोगों को जीतने के लिए उनकी तवज्जोह हासिल करने के लिए इस नाम ‘Ya Jalilu’ की चालीस दिन तक 7300 बार रोज़ाना पढ़े और इसके बाद रोज़ाना 1100 बार पढ़ने का रूटीन बना ले।

इनशा अल्लाह कामयाबी मिलेगी | पढ़ने वाला लोगों की तवज्जोह का मर्कज़ बन जाएगा । हर कोई मुहब्बत व इज्जत से पेश आएगा ।

Ya Muqtadiru (या मुक़्तदिरु) – अल्लाह तआला के नाम की फ़ज़ीलत

दिली सुकून के लिए:

अगर कोई शख्स बेसकूनी और दिल की बेचैनी का शिकार हो तो उसें ‘या जलीलु’ का दम किया हुआ पानी पिलाया जाए या वह शख्स खुद खुलूसे दिल के साथ “Ya Jalilu” का विर्द करे तो अल्लाह उसे दिली सुकून अता करता है ।

शादी की रात का वज़ीफा:

शादी की रात अपनी बीवी सें मिलने से पहले दो रकअत शुक्राने के नफिल पढ़ें उसके बाद 1100 बार “या जलीलु” को पढ़ें और जो चीज दुल्हन को खिलाएं उस पर फूक लगाकर उसे खिला दें । इनशा अल्लाह मियां बीवी की ज़िन्दगी प्यार मुहब्बत से गजरेगी।

हर मकसद का पूरा होना:

अगर कोई शख्स ‘Ya Jalilu’ 16 हजार बार रोज़ाना चालीस दिन तक पढ़े और जो मकसद दिल में रखे इनशा अल्लाह पुरा होगा।

मुकदमे में इन्साफ़ के लिए:

अगर किसी मुकदमे की गवाही में झुटा गवाह पेश हो रहा हो तो ऐसे गवाह का तसव्वुर जहन सें लाकर एक हजार बार ‘या जलीलु’ पढ़ के फूंक मार दी जाए तो ऐसा झुटा गवाह झूटी गवाही से बाज़ रह जाता है।

सफर में हिफाज़त के लिए:

सफर के दौरान अपने सामान की हिफाज़त के लिए सामान पर दस बार “या जलीलु” पढ़कर फूंक मार के अल्लाह से दुआ की जाए तो उस सामान को कोई नुकसान नहीं पहुंचता और चोर उससे दर ही रहता है।

आसेब वाले बच्चे का इलाज:

अगर किसी बच्चे पर आसेब हो तो ‘या जलीलु’ सात हजार बार पढ़ें । उसके बाद एक कागज पर “या जलीलु” लिखें और उसके इर्द गिर्द आयतल कर्सी लिख दें और उसे बच्चे के गले में डाल दें ।

इनशा अल्लाह बच्चा ठीक हो जाऐगा और हर तरह की तकलीफ दूर हो जायेगी । जब तक उसके गले में तअवीज़ रहेगा उसे कोई डर महसूस नहीं होगा।

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