Al-Lateef (अल-लतीफ़) बारीक़ बीं
अल्लाह लतीफ़ है, क्यों कि वह अपने बन्दों पर मेहरबानी करता है । उन से नर्मी से पेश आता है । उस के लुत्फो करम का क्या कहना ।
उस ने हकीमों को हिकमत से, आलिमों को इल्म से नवाज़ा । यानी जो जिस के काबिल था उसे उसी किस्म की रहमत से नवाज़ दिया ।
इस के अलावा लतीफ़ का मतलब इतनी बारीक चीज होती है कि जो महसूस तो की जा सके लेकिन पकड़ी न जा सके । इस लिहाज़ से अल्लाह लतीफ है । क्यों कि वह आंख से नज़र नहीं आता और न हाथ से छुआ जाता है ।
इस इस्मे पाक ‘Ya Lateefu’ के कुछ फाइदे इस तरह हैं-
बेहतर रिश्ता मिलने के लिए:
लड़कियों के बेहतर रिश्ते और इन्तेज़ामाते शादी के लिए इस इस्मे मुबारक का जिक्र बहुत फाइदेमन्द और असरदार है ।
अगर किसी लड़के या लड़की के रिश्ते के बारे में परीशानी हो या अच्छा रिश्ता न मिलता हो या शादी न होती हो तो ऐसी सूरत में पाकीज़ा हो कर वुजू की हालत में पहले दो रकअत नफ्ल नमाज़ अदा करे फिर इतमीनान से बैठ कर तीन मर्तबा दुरुद पाक पढ़े उस के बाद 111 बार इस इस्मे मुबारक का विर्द करे और फिर तीन मर्तबा दुरुद पाक पढ़ कर अल्लाह तआल्ला से दुआ मांगे ।
इनशा अल्लाह तआला जल्द ही दिली मुराद पूरी हो जाएगी और बिगड़े हुए काम संवर जाएंगे ।
मुश्किल दूर होने के लिए:
यह इस्मे पाक मुश्किल दूर करने के लिए बहुत असरदार है । लिहाजा जो शख्स इस इस्म को रोजाना 129 मर्तबा पढ़ने की आदत डाल ले तो इन्शा अल्लाह उस का जाइज़ काम इस इस्म की बरकत से हो जाएगा । और अगर हर नमाज़ के बाद इसे 129 मर्तबा पढ़ा जाए तो इस के असरात और तेज़ हो जाएंगे।
एक और कौल के मुताबिक अगर कोई किसी मुश्किल में गिरफ्तार हो गया हो और किसी तरह भी उस से निकलने का रास्ता न मिल रहा हो तो हर नमाज़ के बाद 100 मर्तबा यह इस्मे मुबारक पढ़ कर अल्लाह तआलो से दुआ मांगे । हर किस्म की मुश्किल आसान हो जाएगी ।
ऐसे ही इस के बार में यह भी बयान हुआ है कि अगर कोई शख्स अपनी मुश्किल से नजात पाना चाहे और मुरादें पाना चाहे तो उसे चाहिए कि वह हर रोज बाद नमाज़े इशा में 1100 बार “या लतीफू’ का विर्द कर के दुआ मांगे । अल्लाह तआला अपनी रहमत फ्रमा देता है और मुरादें पुरी करता है।
गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिए:
इस इस्म के जिक्र की बरकत से रिज्क में इजाफा होता है, तंगी दूर होती है । अगर किसी का रोज़गार न हो तो उसे रोजगार मिल जाता है, मुलाजमत न मिलती हो तो मुलाज़मत मिल जाती है ।
अगर आमदनी कम हो तो उस में इजाफा हो जाता है। इन मक़ासिद की तकमील के लिए 16641 मर्तबा रोज़ाना इस इस्म को पढ़ें और 40 दिन तक विर्द रखें तो इनशा अल्लाह कामयाबी जरुर मिलेगी ।
Ya Kareemu (या करीमु) Benefits
हर तरह की मोहताजी दूर करने के लिए:
हर तरह की मोहताजी से नजात हासिल करने के लिए ‘या लतीफू’ का विर्द करना बहुत मुफीद होता है। लिहाज़ा जो शख्स ‘या लतीफो’ का विर्द करने की आदत डाल ले तो अल्लाह तआला ऐसे शख्स को दूसरों का मोहताज होने से बचाए रखता है और उस की मोहताजी को हमेशा के लिए् दूर फरमा देता है ।
मर्जी के मुताबिक शादी करने के लिए:
यह इस्मे मुबारक अच्छी और पसन्द की शादी के लिए बहुत कामयाब है । अच्छा रिश्ता मिलना खुश बख़्ती की दलील है । क्योंकि बेशुमार लोग शादी के मसअले से परीशान होते हैं ।
इस परीशानी का हल यह है कि ‘या लतीफू’ को 40 दिन तक 12900 मर्तबा पढ़ें। इनशा अल्लाह मर्जी के मुताबिक रिश्ता मिल जाएगा और शादी में सुकून मिलेगा । मियां बीवी का निबाह बहुत अच्छे तरीके से होगा।
लाइलाज बीमारी में शिफा के लिए:
ऐसी लाइलाज बीमारी जो पीछा न छोड़ती हो तो उस के लिए इस इस्मे पाक को 11 दिन तक रोज़ाना 11 हज़ार मर्तबा पढ़ें और पानी दम कर के मरीज़ को रोज़ाना पिलाएं ।
इनशा अल्लाह शिफा मिल जाएगी । तंदरुस्ती हासिल होगी ।