इस्लाम को शान्ति का धर्म कैसे कहा जा सकता है जबकि यह तलवार से फैला है?

इस्लाम को शान्ति का धर्म कैसे कहा जा सकता है जबकि यह तलवार से फैला है?

कुछ गैर-मुस्लिमों (Non Muslim) की यह आम शिकायत है कि संसार भर में इस्लाम के माननेवालों की संख्या लाखों में नहीं होती यदि इस धर्म को बलपूर्वक नहीं फैलाया गया होता।

एक कल्पित कथन पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया है जो इस्लाम के प्रसार को तलवार से जोड़ता है । राजनीति से प्रेरित इस  दुप्प्रचार को इतिहास की पाठ्य पुस्तकें और मीडिया प्रमाणित करती हैं।

भारत में दक्षिणपंक्षी तत्वों के लिए यह राजनीतिक आवश्यकता बन गया है क्योंकि वे सांप्रदायिक आधार पर वोटों का धुव्रीकरण करना चाहते हैं।

अतः घृणा की राजनीति को चारे की आवश्यकता होती है जिसे इतिहास से खैंगाल कर निकाला जाता है।

निम्न बिंदु इस तथ्य को स्पष्ट कर देंगे कि इस्लाम की सत्यता, दर्शन और तर्क ही हैं जिसके कारण यह पूरे विश्व में तीव्र गति से फैला न कि तलवार से।

1. इस्लाम का अर्थ शान्ति है

इस्लाम मूल शब्द ‘सलाम’ से निकला है जिसका अर्थ है “शान्ति । इसका दूसरा अर्थ है अपनी इच्छाओ को अपने पालनहार ख़ुदा के हवाले कर देना।

अतः इस्लाम शान्ति का धर्म है जो अल्लाह के सामने अपनी इच्छाओं को हवाले करने से प्राप्त होती है।

2. शान्ति एवं बल-प्रयोग

इस संसार का हर इंसान शान्ति एवं सद्भाव के पक्ष में नहीं है। बहुत से इंसान अपने तुच्छ स्वार्थों के लिए शान्ति को भग करने का प्रयास करते हैं।

शान्ति बनाए रखने के लिए कभी-कभी बल-प्रयोग किया जाता है। इसी कारण हम पुलिस रखते हैं जो अपराधियों और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध बल का प्रयोग करती है ताकि समाज में शान्ति स्थापित हो सके।

इस्लाम शान्ति को बढ़ावा देता है और साथ ही जहाँ कहीं भी अत्याचार और जुल्म होते हैं, वह अपने अनुयायियों को इसके विरुद्ध संघर्ष हेतु प्रोत्साहित करता है।

अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष में कभी-कभी बल-प्रयोग आवश्यक हो जाता है। इस्लाम में बल का प्रयोग केवल शान्ति और न्याय की स्थापना के लिए ही किया जा सकता है।

3. इतिहासकार डीलेसी ओ-लेरी के विचार

इस्लाम तलवार से फैला इस ग़लत विचार का सबसे अच्छा उत्तर प्रसिद्ध इतिहासकार डीलेसी ओ-लेरी (De Lacy O’Leary) के द्वारा दिया गया जिसका वर्णन उन्होंने अपनी पुस्तक “इस्लाम ऐट दी क्रॉस रोड” (Islam at the cross roads) 1923, पृष्ठ-8 में किया है –

“यह कहना कि कुछ जुनूनी मुसलमानों ने विश्व में फैलकर तलवार द्वारा पराजित क्रौम को सलमान .बनाया, इतिहास इसे स्पष्ट कर देता है कि यह कोरी बकवास है और उन काल्पनिक कथाओं में से है जिसे इतिहासकारों ने कभी दोहराया है ।”

De Lacy O’Leary

 

4. मुसलमानों ने स्पेन पर 800 वर्ष शासन किया

मुसलमानों ने स्पेन पर लगभग 800 वर्ष शासन किया और वहाँ उन्होंने कभी किसी को इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं किया ।

बाद में ईसाई धार्मिक योद्धा स्पेन आए और उन्होंने मुसलमानों का सफाया कर दिया और वहाँ एक भी मुसलमान बाक़ी न रहा जो खुलेतौर पर अज़ान दे सके ।

5. 1 करोड़ 40 लाख अरब आबादी नसली ईसाई

मुसलमान 400 वर्ष तक अरब के शासक रहे। कुछ वर्षों तक वहाँ ब्रिटिश राज्य रहा और कुछ वर्षों तक फ्रांसीसियों ने शासन किया।

कुल मिलाकर मुसलमानों ने वहाँ 400 वर्ष तक शासन किया। आज भी वहाँ एक करोड़ चांलीस लाख अरब नसली ईसाई हैं।

यदि मुसलमानों ने तलवार का प्रयोग किया होता तो वहाँ एक भी अरब मूल का ईसाई बाक़ी नहीं रहता ।

अरब भूमि पर पर्याप्त संख्या में ईसाई सम्प्रदायों की मौजूदगी यह संकेत करती है कि इस्लाम लोगों पर थोपा नहीं गया था।

6. भारत में 80% से अधिक ग़ैर-मुस्लिम

मुसलमानों ने भारत पर लगभग 1000 वर्ष शासन किया। यदि वे चाहते तो भारत के एक-एक गैर-मुस्लिम को इस्लाम स्वीकार करने पर मज़बूर कर देते क्योंकि इसके लिए उनके पास शक्ति थी।

आज 80% ग़ैर-मुस्लिम भारत में हैं जो इस तथ्य के गवाह हैं कि इस्लाम तलवार से नहीं फैला।

7. इन्डोनेशिया और मलेशिया

इन्डोनेशिया (Indonesia) एक ऐसा देश है जहाँ संसार में सबसे अधिक मुसलमान हैं । मलेशिया (Malaysia) में मुसलमान बहु-संख्यक हैं।

इतिहास के अध्ययन से पता चलता है कि इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे क्षेत्रों में इस्लामी सेनाएँ कभी प्रवेश नहीं हुईं । इस्लाम वहाँ समुद्री रास्तों से पहुँचा ।

इसने वहाँ की स्थानीय सभ्यता और परम्पराओं में अपने लिए जगह बनाई और जनता के दिलों में अपने आप को बैठा लिया । इसने वहाँ की सांस्कृतिक परम्पराओं, पहनावा, भोजन और भाषा को परिवर्तित नहीं किया ।

इसके बजाए यहाँ एक सांस्कृतिक एकता पैदा हुई जिसने इस्लाम का एक नया रूप प्रस्तुत किया जिसने पश्चिम एशिया के सिद्धान्तों और दक्षिण पूर्व एशिया के आचरणों और परम्पराओं का मिश्रण तैयार किया।

इस्लामी इतिहास इस बात का गवाह है कि ऐसे अधिकतर क्षेत्र जहाँ इस्लाम आया। वहाँ की आवादियाँ इस्लाम की ओर झुक गयीं और वह आज भी उसी तरह इस्लाम का अपनाए हुए हैं । इस्लाम ने केवल उनकी भूमि पर ही विजय नहीं प्राप्त की, परन्तु इसने लोगों के दिलों पर भी विजय प्राप्त की ।

8. अफ्रीक़ा का पूर्वी तट

इसी प्रकार इस्लाम तीव्र गति से अफ्रीक़ा के पूर्वी तट पर फैला । फिर कोई यह प्रश्न कर सकता है कि यदि इस्लाम तलवार से फैला तो. कौन-सी मुस्लिम सेना अफ्रीक़ा के पूर्वी तट की ओर गई थी?

9. थाॉमस कारलायल (Thomas Carlyle)

प्रसिद्ध इतिहासकार थाॉमस कारलायल (Thomas Carlyle) ने अपनी पुस्तक हीरोज़ एंड हीरो वरशिप (Heroes and Hero Worship) में इस्लाम के प्रसार से संबंधित ग़लत विचार की तरफ़ संकेत करते हुए कहा है –

“तलवार!! और ऐसी अपनी तलवार तुम कहाँ पाओगे?
वास्तविकता यह है कि हर नया विचार अपनी प्रारम्भिक
स्थिति में सिर्फ़ एक की अल्पसंख्या में होता है अर्थात
केवल एक व्यक्ति के मस्तिष्क में । जहाँ यह अब तक है।
पूरे संसार का मात्र एक व्यक्ति इस विचार पर विश्वास
करता है अर्थात केवल एक मनुष्य सारे मनुष्यों के मुक़राबले
में होता है। वह व्यक्ति तलवार लेता है और उसके साथ
प्रचार करने का प्रयास करता है, यह उसके लिए कुछ भी
प्रभावशाली साबित नहीं होगा। सारे लोगों के विरुद्ध आप
अपनी तलवार उंठाकर देख लीजिए। कोई वस्तु स्वयं फैलती
है जितनी वह फैलने की क्षमता रखती है।”

Thomas Carlyle

 

10. धर्म में कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं

किस तलवार से इस्लाम फैला? यदि यह तलवार मुसलमान के पास होती तब भी वे इसका प्रयोग इस्लाम के प्रचार के लिए नहीं कर सकते थे | क्योंकि पवित्र कुरआन में कहा गया है –

“धर्म में कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती न करो, सत्य, असत्य से साफ़ भिन्न दिखाई देता है।”

(कुरआन, 2:256)

 

11. बुद्धि की तलवार

यह बुद्धि और मस्तिष्क की तलवार है। यह वह तलवार है जो हृदयों और मस्तिष्कों पर विजय प्राप्त करती है। पवित्र कुरआन में है की –

“लोगों को अल्लाह के मार्ग की तरफ़ बुलाओ, परंतु बुद्धिमत्ता और सदुपदेश के साथ, और उनसे वाद-विवाद करो उस तरीक़े से जो सबसे अच्छा और निर्मल हो।”

(कुरआन, 16:125)

 

12. 1954 से 1984 ई. तक में संसार के धर्मों में वृद्धि

रीडर्स डाइजेस्ट के एक लेख अलमेनेक, वार्षिक पुस्तक 1986 ई. में संसार के सभी बड़े धर्मों में तक़रीबन पचास वर्षों की अवधि में हुई प्रतिशत वृद्धि का आंकलन किया गया था।

यह लेख “प्लेन ट्रुथ’ (Plain Truth) नाम की पत्रिका में भी प्रकाशित हुआ था जिसमें इस्लाम को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया जिसकी वृद्धि 235 प्रतिशत थी और ईसाइयत में मात्र 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

यहाँ प्रश्न उठता है कि इस सदी में कौन-सा युद्ध हुआ जिसने लाखों लोगों का धर्म परिवर्तन करके उन्हें इस्लाम में दाख़िल किया।

13. अमेरिका और यूरोप

इस्लाम ने यूरोप के दिल में भी गहरे रास्ते बनाए । पूर्वी यूरोप के बलकान राज्यों (Balkans) पर तुर्की के उस्मानी शासकों का राज 5 सदी से अधिक तक रहा है परन्तु अल्वानिया (Albania) और बोस्निया और हर्जीगोबिना (Bosnia and Herzegovina) के लोगों के सिवाय वह कभी मुसलमान नहीं हुए।

आज अमेरिका में तीव्र गति से फैलने वाला धर्म इस्लाम है और यूरोप में भी यही धर्म सबसे तेजी से फैल रहा है। पश्चिमी देशों के लोगों में इस्लाम का आकर्षण स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है।

हजारों लोगों ने इस धर्म का व्यक्तिगत अध्ययन करके 11 सितम्बर की घटना के बाद इस्लाम धर्म स्वीकार किया। कौन-सी तलवार पश्चिम को इतनी बड़ी संख्या में इस्लाम स्वीकार करने पर मज़बूर कर रही है?

सारांश

इन तथ्यों से प्रभावकारी ढंग से यह मिथक रद्द हो जाना चाहिए कि ताकत इस्लाम के प्रसार का अभिन्‍न अंग था । यदि ऐसा होता तो इसकी उल्टी प्रवृत्ति भी आज होती क्योंकि आज इस्लाम धर्म की छवि को महिला विरोधी और हिंसात्मक बताया जा रहा है।

अब समय आ चुका है कि इस्लाम की आलोचना करने वाले इस्लाम को अनुचित ढंग से प्रस्तुत करने की अपनी ग़लती को समझें, और सन्देह करने वाले इस्लाम विरोधी ताक़तों द्वारा भटकाये जाने या मार्गदर्शन किये जाने से बचते हैं।

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