इस्लाम में शराब और जुआ क्यों हराम है | Why is alcohol and gambling forbidden in Islam?

इस्लाम में शराब और जुआ पर प्रतिबंध क्यों है?

कुरान विशेष रूप से ईमान वालों को नशीले पदार्थों के सेवन और जुआ में लिप्त होने से रोकता है। शराब को इसलिए मना किया गया है कि यह बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है और सामाजिक व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव डालता है ।

नशीले पदार्थों, विशेष रूप से शराब को व्यापक रूप से अनेक सामाजिक बुराइयों का मूल कारण माना जाता है। शराब के नशे में गाड़ी चलाने से यातायात में दुर्घटनाएँ अधिक होती हैं।

गलियों के झगड़े और महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध घरेलू हिंसा सामान्य रूप से शराब के नशे के प्रभाव में होती है, इसलिए कि शराब पीने वाले अपना सामाजिक आचरण और व्यवहार को खो देते हैं।

शराब के नशे के प्रभाव मैं अमेरिका के शराबखानों में गोलीबारी सामान्य होती जा रही है। कुरान निम्नलिखित शब्दों में ईमान वालों को आदेश देता है कि वह नशा और जुआ और अन्य ऐसी बुराइयों से दूर रहें:

“ऐ ईमान लाने वालो! ये शराब और जुआ और देवस्थान और पौँंसे तो गंदे शैतानी काम हैं। अतः तुम इनसे अलग रहो, ताकि तुम सफल हो ।”

(कुरान , 5:90)

शराब पीने से अपने पर काबू नहीं रहता है


शराब की लत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के अलावा आर्थिक रूप से भी व्यक्ति को नष्ट करती है। जो लोग शराब के नशे में होते हैं वह कामुक व्यवहार में वशीभूत होते हैं और आसानी से दुराचार, बलात्कार और यहाँ तक कि अपने करीबी रिश्तों की महिलाओं के साथ यौन सम्बन्ध बनाने की बुराई के शिकार हो जाते हैं।

इस्लाम में जुआ को हराम ठहराया गया है क्योंकि इसकी लत पड़ जाती है और यह लाभ की तुलना में हानि अधिक पहुंचाता है । यह घरेलू अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देता है।

चाहे यह लाटरी द्वारा खेला जाए या घुड़दौड़ में पैसा दांव पर लगाया जाए, जुआ संभावना का खेल है जिसमे बहुत से लोगों के हारने की संभावना रहती है और कुछ लोगों के सौभाग्य की संभावना संदिग्ध होती है।

जो लोग इन चीजों के आदी हो जाते हैं वह उत्पादकता के कामों में रुचि खो देते हैं और संभावना से लाभ उठाने का माध्यम तलाश करते हैं ।

उनके लिए भाग्य कम ही खुलता है जबकि जुआ से उनकी आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है और उन्हें कंगाल बना देती है या वे बहुत जल्दी कर्ज और तंगहाली के शिकार हो जाते हैं ।

अमेरिका के न्याय विभाग के अंतर्गत नेशनल क्राइम विक्टिमाइजेशन सर्वे ब्यूरो ऑफ जस्टिस के अनुसार केवल 1996 में ही औसतन प्रतिदिन 2,713 बलात्कार हुए। आंकड़े हमें बताते हैं कि अधिकतर बलात्कारी अपराध के समय नशे में थे । छेड़-छाड़ के मामले भी नशे की हालत में होते हैं ।

शराब के सेवन से पैदा होने वाली कुछ चुनिंदा बीमारियाँ

  • Cirrhosis of Liver
  • Cancer of Oesophagus
  • Oesophagitis
  • Gastritis
  • Pancreatitis
  • Hepatitis
  • Cardiomyopathy
  • Hypertension
  • Coronary Artherosclerosis
  • Strokes
  • Wernicke-Korsakoff
  • Florid Cushing Syndrome
  • Thrombocytopenia

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