(1) जब लड़की जवान हो जाए तो जितनी जल्दी उसका रिश्ता मिल सके उतना अच्छा है। जब रिश्ता मिल जाए तो फिर उसकी शादी में जल्दी करनी चाहिए।
(2) अगर किसी के जिम्मे क़र्ज़ हो तो उस क़र्ज़ को अदा करने में जल्दी करनी चाहिए।
(3) जब कोई बन्दा फ़ौत हो जाए तो उस मरहूम को दफ़न करने में जल्दी करनी चाहिए।
(4) जब कोई मेहमान आ जाए तो उसकी मेहमान-नवाज़ी में जल्दी करनी चाहिए। हमने वस्त एशिया की रियासतों में देखा है कि जैसे ही मेहमान घर में आता है तो वह फ़ौरन कम-से-कम पानी ता जरूर ही मेहमान के सामने रख देते हैं।
उसके बाद मशरूवात और खाने-पीने के इंतिज़ाम किए जाते हैं। याद रखें कि पानी पिलाना भी मेहमान नवाज़ी में शामिल है, लिहाजा जिसने मेहमान के सामने पानी का कटोरा भरकर रख दिया उसने गोया मेहमान नवाजी कर ली।
(5) जब कोई गुनाह सरजद हो जाए तो उससे तौबा करने में जल्दी करनी चाहिए।