नाम रखने का कारण
पहली आयत के वाक्यांश “जब ये कपटाचारी (मनाफ़िकून) तुम्हारे पास आते हैं” से उद्धृत है। यह इस सूरह का नाम भी है और इसके विषय का शीर्षक भी, क्योंकि इसमें कपटाचारियों ही की नीति की समीक्षा की गई है।
अवतरणकाल
यह सूरह बनी मुस्तलिक के अभियान सन् 6 हिजरी में घटित हुआ था) से अल्लाह के रसूल (सल्ल0) की वापसी पर या तो यात्रा के बीच में अवतरित हुई है या नबी (सल्ल0) के मदीना तैयबा पहुंचने के पश्चात् तुरन्त ही इसका अवतरण हुआ।