AL-BA’ITH (अल बाइस) उठाने वाला
बाइस, से मुराद वह ज़ात है जो क़यामत के दिन मखलूक को पैदा करेगी और कब्रों से मुर्दो को उठाएगी और उनके सीनों के छुपे राज़ ज़ाहिर करेगी।
ऐसे ही दुनिया में जो वाकेआत और हादसात होते हैं उनको करने वाला वही है । इस ऐतबार से यह लफ़्ज़ बड़ा ही मअनी से भरा है यानी यह लफ्ज़ अल्लाह की शान, कुदरत का मज़हर है।
इस लिए इसे पढ़ने वाला अल्लाह के हर उस राज़ से आगाह हो जाता है, जिसका किसी चीज को दोबारा कायम करने से तअल्लुक है।
अल्लाह तअला को इस सिफत से पुकारने वाला जिन्दा दिल हो जाता हैं। उसका दिल हकीकत की तरफ माइल हो जाता है और नेक कामों की तरफ से जो शैतान गफलत पैदा करता है।
इस नाम की बदौलत सुस्ती और ग़फलत दुर हो जाती है।
दिल का जिन्दा होना:
जों शख्स यह चाहता है कि उसका दिल जिन्दा हो जाए और वह अल्लाह के नूर और चमक का मकाम बन जाए तो उसे चाहिए कि सोते वक़्त अपने बिस्तर पर बैठकर या लेट कर इस नाम को 573 बार हर दिन पढ़े और एक साल तक इस रूटीन को जारी रखे ।
अल्लाह तअला उसके दिल को जिन्दा कर देगा । शहवत, गफलत, हिरस और कनजूसी जैसी बीमारी खत्म हो जाएगी ।
जिन्दगी और सेहत पाने की तासीर:
शम्सुल मुआरिफ में बयान हुआ है कि “या बाइसू” उस शख्स के लिए मुनासिब है जो हिम्मत का कमज़ोर हो। अगर यह जिक्र करेगा तो उसकी हिम्मत मजबूत हो जाएगी।
कुछ ओलेमा ने लिखा है कि यह नाम जिन्दगी और सेहत की अजीब तासीर रखता है और ताकत की हिफाज़त करता है।
इसके जिक्र का इरादा करने वाले रोजा रखकर तन्हाई में जाकर फरागे जमीर और हिम्मत के साथ इतना जिक्र करें कि उसका हाल ग़ालिब आ जाए तो उसके फायदे का इजहार होगा।
हाकिम को मेहरबान करना:
अगर कोई किसी हाकिम के सामने जाते हुए खौफ खाता हो और उसका जाना जरूरी हो तो वह जाने से पहले वजू की हालत में सात बार यह नाम मुबारक पढ़कर अपने हाथों पर फूंक मारे और चेहरे पर हाथों को फेरे।
इन्शा अल्लाह तअला उसका मकसद पुरा होगा और दिल से डर जाता रहेगा और हाकिम अच्छे सुलूक से पेश आएगा।
Ya Muakhiru (या मुआख़िरु) Benefits – अल्लाह तआला के नाम की फ़ज़ीलत
कमजोर हिम्मती का इलाज:
यह वज़ीफा कम हिम्मती का बेहतरीन इलाज है, अगर कमजोर हिम्मत वाला शख्स इस वज़ीफे को हर दिन 573 बार पढ़ने का रूटीन बना ले तो इन्शा इल्लाह जल्द ही वह मजबूत हिम्मत वाला बन जाएगा ।
इस लिए जो शख्स हर दिन वजीफे पढ़ने का आदी हो उसे चाहिए कि वह इस वज़ीफ़े को अपने रूटीन में शामिल कर ले ।
इस वजीफे से पहले लफ्ज़ अल्लाह का इज़ाफ़ा कर लिया जाए । यानी “या अल्लाहू या बाइसू” पढ़ें तो फाइदे बहुत जल्द और मजबूत तरीके से हासिल होंगे ।
लापता शख्स की वापसी:
अगर किसी का कोई बच्चा या बच्ची गुम हो जाए तो इस सूरत में घर वाले को चाहिए कि कुछ लोग चाहे वह मर्द हों या औरतें, एक जगह पर बैठकर “या बाइसू” को सवा लाख बार गिन कर पढ़ें । इन्शा अल्लाह लापता लड़के या लड़की का पता चल जाएगा और वह खैरियत से अपने घर किसी भी जरिये से आ जाएगा और उस वक्त तक पढ़ता रहे जब तक कि लापता मिल न जाए।
इस नाम को पढ़ने का एक और तरीका यह भी है कि अगर कोई शख्स गुम हो गया हो और उसका जिन्दा वापस आना मकसद हो तो ऐसे शख्स के घर वालों को चाहिए कि वह “या बाइसू” का खत्म शरीफ पढ़ें ।
इस ख़त्म शरीफ के लिए तीन रोज़े लगातार रखे जाएं और फिर हर दिन जुहर की नमाज़ के बाद पांच हज़ार बार “या बाइसू” का विर्द करके दुआ मांगी जाए । इन्शा अल्लाह लापता शख्स जल्द वापस आ जाएगा ।
परीशानी और बेचैनी का हल:
यह वजीफा परीशानी और बेचैनी दूर करने के लिए भी बड़ा फायदामन्द है । जो शख्स इसे किसी परीशानी और सख्ती में हर दिन 3125 बार पढ़े और चालीस दिन तक अमल जारी रखे। इन्शा अल्लाह उसकी परीशानी खत्म हो जाएगी ।
हिम्मत और ताकत हासिल करने के लिए:
इस नाम मुबारक को कसरत से पढ़ने वाले को अल्लाह तआला हिम्मत व ताकत अता करता है, उसके इरादों को मजबूती देता है, हौसले बलन्द हो जाते हैं । कूव्वत इरादी मजबूत हो जाती है और अल्लाह तअला उसे बड़ा दिमाग़, ज़िन्दा दिल, साहबे कुव्वत और होशियार बना देता है ।
बेशुमार परीशानियां और मुश्किलात इस नाम मुबारक के विर्द करने से दूर हो जाती हैं । जिस्म और रूह को ताकत पहुंचाने की अजीबो गरीब तासीर इस नाम पाक के विर्द करने में शामिल है ।
इल्मो दानिश का मिलना:
इस नाम मुबारक को बहुत्त ज्यादा पढ़ते रहने से इलमो दानिश की दौलत अता होती है और ज़हन इलमी और तहकीकी कामों में खूब चलता है और इस विर्द की कसरत से खुदा दिल को अपनी पहचान अता फरमाएगा और दिल नूर से रौशन हो जाएगा।